देहरादून। कोविड-19 महामारी से पिछले साल मानों सारा जगत थम सा गया था। इसका सबसे ज्यादा असर छात्र समुदाय व शिक्षण संस्थानों पर पड़ा। कई स्कूलों और कॉलेजों में अभी भी शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से शुरू होना बाकी है। लेकिन कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर, ओडिशा पहला ऐसा संस्थान है जिसने दुनिया के बदले हुए स्वरूप में अपने आपको ढाला और नई बुलंदियां हासिल कीं। यह देश की पहली यूनिवर्सिटी है जिसने लॉकडाउन में भी 50 देशों में 30,000 छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखा।
कीट युनिवर्सिटी में अगर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की छात्र-छात्राओं की बात की जाए तो इनकी संख्या हजारों में है। ये सभी बच्चे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई जिलों से यहां मेडिकल, इंजीनियरिंग, लाॅ और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं, और हर साल कैंपस प्लेसमेंट के सहारे लाखों की तनख्वाह वाली कंपनियों में नौकरी हासिल कर रहे हैं। कई ऐसे भी छात्र है जिन्हें प्लेसमेंट में 2-2 कंपनियों में नौकरी का ऑफर हासिल है। टेक्नॉलजी की मदद से यूनिवर्सिटी ने संस्थान की सभी गतिविधियां, जैसे की परीक्षाएँ, दीक्षांत समारोह, सेमिनार, कार्यशालाएं आदि को सुचारू रूप से ऑनलाइन संचालित किया। कीट की स्थापना 1992 में, जाने माने शिक्षाविद् और समाज सेवक प्रो अच्युत सामंत द्वारा एक वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में की गई थी। हालांकि, 1997 को ही इसका आधार वर्ष माना जाता है जब इसे उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में खोला गया। इंजीनियरिंग छात्रों का पहला बैच 2001 में पास आउट हुआ। केआईआईटी शुरू से ही कैंपस प्लेसमेंट में एक सफल ट्रैक रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। प्लेसमेंट रिकार्ड को बरकरार रखते हुए इसने 2019-20 के बैच के लिए भी उत्कृष्ट कैंपस प्लेसमेंट हासिल किया। कोविड-19 के बावजूद, यूनिवर्सिटी अपने 2020-21 बैच के लिए रिकॉर्ड कैंपस प्लेसमेंट हासिल करने जा रही है। मई में शुरू हुई ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिये कीट डीम्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल्स ऑफ टेक्नोलॉजी में लगभग 80 प्रतिशत योग्य छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है।