महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने टेक होम राशन योजना का कार्य छीनने का किया विरोध

-नारी शक्ति स्वरूपा महिला प्रदेश संगठन ने दी आंदोलन शुरु करने की चेतावनी  

देहरादून। नारी शक्ति स्वरूपा महिला प्रदेश संगठन ने टेक होम राशन योजना का कार्य ई-टेंडरिंग व्यवस्था के अंतर्गत लाने का कड़ा विरोध किया है। संगठन का कहना है कि टेक होम राशन योजना से कई महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है, ई-टेंडरिंग से इस योजना से जुड़ी तमाम महिलाएं बेरोजगार हो जाएंगी। संगठन का कहना है कि एक ओर सरकार महिलाओं को स्वावलंभी और आत्मनिर्भर बनाने और महिला सशक्तिकरण की बात करती है और दूसरी ओर स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से रोजगार छीनकर उन्हें बेरोजगार बनाने पर आमादा है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि टेक होम राशन वितरण योजना की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर रोक न लगी तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगी।
सुभाष रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता में संगठन के प्रदेश संयोजक मंडल की पदाधिकारियों ने कहा कि वे टेक होम राशन वितरण योजना के लिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बहुत अच्छी तरह से कार्य कर रही हैं, लेकिन सरकार ई-टेंडरिंग के जरिए इस कार्य को उनके हाथों से छीनकर किसी एक कंपनी को देने की कोशिश कर रही है, जो कि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वे इस योजना का कार्य वर्ष 2014 से कर रही हैं। संगठन का कहना है कि एक ओर सरकार महिला उत्थान और महिला सशक्तिकरण की बात करती है तो दूसरी तरफ उनसे मिला रोजगार छीन रही है। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष गीता मौर्य और प्रदेश संयोजिका पूजा द्विवेदी ने कहा कि सरकार महिलाओं से आजीविका छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले तो बेरोजगारों को रोजगार दो, नहीं तो जिन्हें रोजगार मिला हुआ भी है उसे तो न छीने। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण महिलाओं के आंदोलन की बदौलत हुआ है। यहां की महिलाओं ने चिपको आंदोलन चलाया है। महिलाएं इस राज्य के विकास की धुरी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को टेक होम योजना से वंचित रखने के लिए ई-टेंडरिंग के माध्यम से ठेकेदारों को काम दे रही है। जबकि महिला समूहों ने अपने कामों से प्रदेश में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या निल कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को विभाग और कुछ लोग गुमराह कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हंै। यदि उनसे टेक होम राशन योजना का कार्य छीना जाता है तो सरकार का नारा महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मात्र जुमला बन कर रह जाएगा। इस कार्य से ऐसा लगता है कि महिलाओं को बेघर और पुरुष सशक्तिकरण किया जा रहा है। इस मशीनी युग में सरकार को महिलाओं को रोजगार देने की चिंता करनी चाहिए न कि उनको आजीविका से वंचित रखा जाए। संगठन ने ऐलान किया है कि यदि सरकार से 20 अप्रैल तक टेक होम राशन योजना की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को समाप्त नहीं किया तो उन्हें 21 अप्रैल से आंदोलन शुरु करने को बाध्य होना पड़ेगा। पत्रकार वार्ता में संगठन की कोषाध्यक्ष कोमल नेगी, सचिव रीता नेगी, रेखा चैधरी, श्याना चैहान आदि मौजूद रहीं।

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