नारायण सेवा संस्थान ने पद्मश्री डाॅ. बी.के.एस. संजय को किया सम्मानित

देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, देहरादून के वरिष्ठ आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. बी. के. एस. संजय, पद्मश्री से सम्मानित को हरिद्वार महाकुंभ मेला के दौरान उदयपुर की नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल, निदेशक पलक अग्रवाल, जनसंपर्क अधिकारी माहिमा जैन, नारायण सेवा संस्थान बैरागी कैंप के अन्य पदाधिकारी एवं कार्यक्रम के संयोजक सुधीर शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। यह बड़े हर्ष की बात है कि नारायण सेवा संस्थान विगत 36 वर्षों से देश के दिव्यांगों की निःशुल्क सेवा में लगा हुआ है, और हरिद्वार स्थित बैरागी कैंप में अस्थाई सर्जिकल हास्पिटल स्थापित कर दिव्यांगों की निःशुल्क सेवा का कार्य कर रही है। जो कि बहुत ही सराहनीय कार्य है।  डाॅ. संजय ने बैरागी कैंप हरिद्वार स्थित नारायण सेवा संस्थान के सम्मान समारोह के अवसर पर अपने सम्बोधन में बताया कि वर्तमान में विकृति और विकलांगता के मुख्य कारण पोलियो एवं सी.पी. के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाऐं भी हैं। सड़क दुर्घटनाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाऐं होती हैं। उनमें से लगभग 1.5 लाख लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है और वर्तमान परिदृश्य में सर्वोंत्तम उपलब्ध उपचार के बावजूद भी समान संख्या के लोग विकलांग हो रहे हंै। डाॅ. संजय ने बताया कि पिछले कई सालों से हमारी संस्था सड़क सुरक्षा अभियान चला रही है।  जिसका उद्देश्य यह है कि सड़क दुर्घटनाऐं कम से कम हो। अब तक लगभग 200 निःशुल्क जन जागरूकता व्याख्यान दे चुकी है। जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है जिसको की इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड में उल्लेखित किया जा चुका है। क्योंकि मैं एक आर्थोपीडिक सर्जन हूँ और सड़क दुर्घटनाओं को करीब 40 सालों से देख रहा हूँ इसीलिए मैं आप सभी बैठे हुई महानुभावों से भी अपील करता हूँ कि आप सभी अपने एवं जनहित में यातायात के नियमों का पालन करें। डाॅ. संजय ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि पोलियो की विकलांगता केवल शारीरिक ही नहीं यह मानसिक, सामाजिक और आर्थिक विकलांगता की जननी भी है। खासतौर से यदि रोगी गरीब है और महिला है, तो यह विकलांगता और विकराल रूप धारण कर लेती है। मेरा मानना कि दिव्यांगजन भी हर ढंग से सक्षम बनाये जाने चाहिए। जिससे यह लोग भी अपने परिवार, समाज और अपने देश की प्रगति में भागीदार हो सकें। यदि हर आदमी अपने देश की प्रगति में भागीदार हो सकेगा, तो अपना देश दिन दुगुनी रात चैगुनी प्रगति कर सकेगा। डाॅ. संजय ने अपने सम्बोधन में कहा कि आॅपरेशन के परिणाम अपेक्षित होते है। उनके द्वारा अब तक पोलियो के मरीजों में लगभग 5 हजार सफल आॅपरेशन हो चुका है और इतने अनुभव के बाद उनका मानना है कि इन विकलांग मरीजों में आॅपरेशन काफी हद तक कारगार सिद्व होते है। उनका मानना है कि पौधे सीधे किये जा सकते है, पेड ़नहीं। इसलिए पोलियो ग्रस्त बच्चों को जल्दी से जल्दी आॅपरेशन कराने चाहिए।