ऋषिकेश। हरिहर आश्रम हरिद्वार में पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज के पावन सान्निध्य में हो रही श्री मानस कथा की पूर्णाहुति के पावन अवसर पर व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य मुरारी बापू ने बड़ी दिव्य कथा सुनाई इस अवसर पर पूज्य संतों के साथ दिव्य मानस कथा में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अजुर्नपूरी जी महाराज, आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द जी महाराज एवं अनेक आचार्य महामण्डलेश्वर, पूज्य संतों एवं महंतों की पावन उपस्थिति में मानस कथा का समापन हुआ।
पूज्य मुरारी बापू के पावन मुख से हो रही ’’मानस कथा’’ कथा के दौरान पूज्य बापू के मुखारविन्द से – ‘‘हमारे परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज (मुनि जी) मुझे बता रहे थे – ग्लेशियर बहुत पीछे जा रहे हैं, हो सकता है अगले दस सालों में ये ग्लेशियर,,,,गंगोत्री से गंगा लगभग 22 किलो मीटर पीछे चली गयी है। इसी तरह से चला तो इन कुछ सालों में,,,,,, इसी तरह से चला तो हो सकता है गंगा भारत में न रहे पाये,,,,,तो बिना गंगा जीने का क्या अर्थ इसलिये प्रत्येक भारतवासी का दायित्व है जल बचाओ-जल की रक्षा करो। पूज्य मुनि जी बहुत ही पीड़ित हो गये, पूज्य बापू बोले कितनी अच्छी बातें कर रहें है पूज्य मुनि जी कि बापू आज से ही शुरू करना चाहिये,,, मैं भी अपील कंरू आपसे कि ‘जल बचे’ इसलिये खेतों के पास छोटे-छोटे तालाब बनायंे। मुनि जी तो कहते है कि नल के नीचे हाथ लगाओ तो पानी निकले, (सेन्सर वाली टोटी) ऐसे नल लगाये जायें। पूज्य मुनि जी की बातें बहुत अच्छी लगीं। भविष्यवेत्ताओं ने कहा है कि अगला विश्व युद्ध होगा तो पानी के लिये होगा। समृद्ध राष्ट्रों को पेट्रोल के संग्रह की तरह पानी का संग्रह करना होगा। मुनि जी के शब्दों में कहे तो 10 से 20 सालों के बाद पानी ही सोना माना जायेगा, पानी ही पेट्रोल की तरह कीमती होगा इसलिये आईये जल संरक्षण करे। जल बचाये जीवन बचाये।