संस्कृत महाविद्यालय-विद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारी अपनी मांगों को लेकर सीएम से मिले

देहरादून। संस्कृत महाविद्यालय-विद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारी डॉ शैलेन्द्र डंगवाल डॉ. दीपशिखा, डॉ विद्या नेगी के साथ प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम भूषण बिजल्वाण ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से शिष्टाचार भेंट की। स्वस्तिवाचन के साथ पुष्पगुच्छ और रुद्राक्ष माला से पूरे संस्कृत शिक्षा की तरफ से मुख्यमंत्री जी का अभिनन्दन सम्मान किया। साथ ही संस्कृत शिक्षकों की समस्याओं पर अभी तक कोई सकारात्मक निराकरण न होने की बात सीएम के समक्ष रखी, जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि मांगों पर कार्यवाही जरूर होगी।
उत्तर प्रदेश के समय से 1996 से 2008 में मुख्यमंत्री के राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री बी.सी. खण्डूड़ी कार्यकाल में पहली बार संस्कृत विद्यालय-महाविद्यालयों में नियुक्ति हुई उसके बाद फिर 2014 में रोक लग गयी। संस्कृत प्रदेश में संस्कृत की अत्यंत दुर्दशा है। महाविद्यालयों को उच्चशिक्षा का लाभ अभी तक नहीं मिला है। तमाम समस्याओं पर मुख्यमंत्री ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के सादगी और सरलता और संस्कृत के प्रति मुख्यमंत्री का अनुराग देखकर संस्कृत शिक्षक संघ के पदाधिकारी खासा प्रभावित हुए। प्रदेश अध्यक्ष डॉ बिजल्वाण ने कहा कि वैसे तो पहले भी कई बार मुख्यमंत्री से मिलना हुआ है। अक्सर व्यक्ति का स्वभाव बड़े पद मिलने पर बदल जाता है लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद हुई मुलाकात पूर्व की तरह ही बहुत सौम्यता और सरलता से हुई पहचान भी लिया। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से भी भेंट हुई, उनको भी स्मरण करवाया कि संस्कृत शिक्षा पर अभी तक कोई कार्य नहीं हुई है।