विधानसभा प्रश्नकालः सदन में सदस्यों के सवालों के जवाब देते फंसते रहे मंत्री

गैरसैंण। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब देते वक्त मंत्री कई बार फंसे। वन मंत्री हरक सिंह रावत और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज कई बार सवालों के जवाब देते हुए फंसे। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी बीच बीच में अनुपूरक के रूप में सवाल दागते हुए अपने मंत्रियों की मुश्किल को बढ़ाए रखा। पहला सवाल मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन का था। निजाम ने पूछा क्या सरकार ने राज्य के लिए भी कोई पर्यावरण नीति बनाई हैघ्? पर्यावरण नीति पर जवाब देने के बजाए हर पूर्व की व्यवस्थाओं का ब्योरा रखना शुरू कर दिया।
बीच में यह भी कह दिया कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगो को बंद तो नहीं कर सकते, पर हमारी सरकार ने सख्ती बरतते हुए मानकों को पूरी तरह से लागू कराया है। इसी बीच खानपुर विधायक प्रणव सिंह चैंपियन भी उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में ईट भट्टों की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। क्या एयर मॉनिटरिंग उपकरण मेरे यहां भी लगाए जाएंगे ? इसके बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने तंज कसा कि आपने नया जलवायु मंत्रालय बना लिया, निदेशालय बना लिया, पर क्या कोई अलार्मिंग सिस्टम भी बनायाघ् ? चमोली में आपदा में इतने लोग मारे गए। ऐसे मंत्रालय का क्या करना जो किसी की जान न बचा सके। इस हरक ने कहा कि इंदिरा जी का सवाल पर्यावरण से संबंधित नहीं है और बैठ गए। विस अध्यक्ष को अगले सवाल की ओर बढ़ते देख काजी ने कहा, मेरा तो सवाल ही रह गया ? फिर बारी थी सिंचाई मंत्री महाराज की। उन्हें प्रीतम सिंह, विनेाद चमोली, केदार सिंह रावत, राजकुमार, धन सिंह नेगी, प्रीतम सिंह पंवार, राम सिंह कैड़ा ने लगातार सवाल दागे। प्रीतम और प्रीतम पंवार ने उन्हें सवालों में उलझाया तो महाराज ने हर बार की तरह कहा कि, आपको अलग से सूचना भेज दी जाएगी। प्रश्नकाल में मंत्रियों को विपक्ष के सवालों में फंसते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की सहायता करते रहे। महाराज के पास जाकर उन्होंने जानकारियां साझा की।