हिमनद व जलशोध इंस्टीट्यूट टिहरी में हो स्थापितः उपाध्याय

देहरादून। टिहरी के पूर्व विधायक व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा प्रधानमंत्री से उत्तराखंड में हिमनद व जल शोध इंस्टिट्यूट’ के स्थापना के अनुरोध स्वागत करते हुये इस संस्थान की स्थापना टिहरी में करने का सुझाव दिया है। हाइड्रो के क्षेत्र में टिहरी जलाशय से बड़ी कोई दूसरी प्रयोगशाला प्रदेश में नहीं है। उपाध्याय ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक पत्र भी भेजा है।
इस पत्र के माध्यम से उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री मीडिया के माध्यम से आपकी हाल की दिल्ली यात्रा के बारे में जानकारी मिली। जिसमें आपने प्रधानमंत्री से वर्तमान रैणी, तपोवन आपदा के आलोक में उत्तराखंड में हिमनद व जल शोध इंस्टिट्यूट की स्थापना हेतु आग्रह किया है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि टिहरी बांध में बिजली उत्पादन संयन्त्र का जब उद्घाटन होना था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने टिहरी आना था। तब मैंने इस तरह के इंस्टिट्यूट के स्थापना का विचार रखा था। मैने यहां तक चेतावनी दी थी कि यदि इसकी स्थापना न की गयी तो मैं पावर हाउस का उद्घाटन नहीं होने दूंगा, आप चाहें तो इसकी तस्दीक पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व तत्कालीन ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिन्दे से कर सकते हैं। उससे पूर्व स्व. प्रणव मुखर्जी जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे तो मध्य हिमालय के विकास के लिये एक सतत समावेशी विकास की नीति बनाने व उत्तरकाशी, टिहरी को उसका मॉडल बनाने का प्रयास मैंने किया था और तब मुखर्जी ने सभी आयोग के अधिकारियों का एक दल टिहरीकृउत्तरकाशी भेजा था, जिसमें भारत सरकार के सचिव स्तर के 17 अधिकारी थे। कहा कि सुशील कुमार शिन्दे ने इस इंस्टिट्यूट की स्थापना भागीरथीपुरम में की घोषणा टीएचडीसी भागीरथीपुरम अतिथि गृह में की थी। बाद में उसका स्वरूप बदल दिया गया। टिहरी के रानीचैरी से वानिकी व औघानिकी विश्वविद्यालय को अन्यत्र ले जाया गया। उपाध्याय ने अनुरोध किया है कि भागीरथीपुरम में ट्टहिमनद व जल शोध इंस्टिट्यूट’ की स्थापना की जाय।