देहरादून। देश के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (“मैक्स लाइफ”ध् “कंपनी”) ने कांतार के साथ मिलकर किए गए अपने प्रमुख सर्वे “मैक्स लाइफ इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट 3.0” (“आईपीक्यू 3.0”) के तीसरे संस्करण से मिली जानकारी साझा की है। इस सर्वेक्षण के मुताबिक, प्रोटेक्शन कोशेंट स्केल पर नॉर्थ जोन ने 5 अंकों की बढ़त दर्ज करायी और आईपीक्यू 2.0 में 34 अंक के मुकाबले, आईपीक्यू 3.0 में यह 39 अंक पर पहुंच गया। लेकिन साथ ही, यह भी सामने आया है कि कोविड-19 की पृष्ठभूमि में, यह क्षेत्र खुद को वित्तीय मोर्चे पर असुरक्षित मान रहा है।
सर्वाधिक ओिनिश्चित और चुनौतीपूर्ण दौर में कराए गए सर्वे, मैक्स आईपीक्यूय 3.0 ने मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से, कोविड-19 के विभिन्न चरणों के दौरान, तथा दिसंबर 2020 में कोविड-19 की वैक्सीन की घोषणा होने तक, उत्तर भारत के बाशिंदों के दृष्टिकोण में आए महत्वपूर्ण बदलावों का मूल्याकन किया और इस प्रकार यह कोविड-19 काल में कराया गया व्यापक वित्तीय अध्ययन बन गया है।
इस सर्वे से यह भी खुलासा हुआ कि जीवन बीमा प्रोडक्ट्स् को लेकर शहरी उत्तर भारतीय अन्य सभी क्षेत्रों के मुकाबले सबसे ज्यादा जागरूक है। उसकी जानकारी का सूचकांक, महामारी के दौरान 13 अंक बढ़कर 56 तक पहुंच गया, जबकि आईपीक्यू 2.0 में यह 43 दर्ज किया गया था। इसी तरह, पिछले सर्वेक्षणों के मुकाबले, जीवन बीमा स्वामित्व स्तर भी पिछले स्तर में 61 प्रतिशत से बढ़कर आईपीक्यू 3.0 में 65 प्रतिशत हो गया है, लेकिन अन्य क्षेत्रों के मुकाबले नॉर्थ जोन अभी भी पिछड़ा हुआ है । पूर्व में जीवन बीमा स्वामित्व सर्वाधिक 76 प्रतिशत है जबकि दक्षिण 75 प्रतिशत के साथ दूसरे और पश्चिम 68 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।