देहरादून। उत्तराखंड में राजस्व विभाग में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, सहायक भूलेख अधिकारियों के कई पद रिक्त पड़े हैं। बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े होने से कार्य प्रभावित हो रहा है। विभाग में न तो नई भर्ती हो रही है, न ही खाली पड़े पदों को प्रमोशन से भरा जा रहा। शासन, सरकार स्तर से प्रमोशन को लेकर मंजूरी मिल चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रमोशन की फाइलें डंप हैं। कोई फाइल कमिश्नर ऑफिस में धूल फांक रही है तो कोई राजस्व परिषद में प्रमोशन का इंतजार कर रही है। राज्य में नायब तहसीलदार के 97 पद खाली पड़े हैं, वहीं कानूनगो के 40 पदों पर प्रमोशन होने हैं। सहायक भूलेख अधिकारी के 13 पदों पर प्रमोशन किए जाने हैं।
इन पदों पर प्रमोशन को लेकर राजस्व विभाग से जुड़े तमाम कर्मचारी संगठन लंबे समय से सरकार पर दबाव बनाए हैं। कई बार आंदोलन की नौबत तक आ चुकी है। हर बार आश्वासन देकर आंदोलन को शांत कराया गया। इसके बावजूद हर बार प्रमोशन की फाइल डंप कर दी गई। अब एक बार फिर कर्मचारी संगठनों ने नये सिरे से आंदोलन को लेकर दबाव बनाना तेज कर दिया है। सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि इस बार प्रमोशन में देरी हुई, तो आर पार की लड़ाई
लड़ी जाएगी। मैदानी क्षेत्रों में पटवारियों के कुल 428 पद हैं। इनमें से अभी 275 कार्यरत हैं। 153 पद खाली पड़े हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में पटवारी के 1260 पद हैं, इनमें 807 ही कार्यरत हैं, 453 पद खाली पड़े हैं। राजस्व विभाग में प्रमोशन न होने का सीधा असर काम पर पड़ रहा है। एक-एक नायब तहसीलदार पर दोहरी जिम्मेदारी है। यही स्थिति कानूनगो और सहायक भूलेख अधिकारियों की है। प्रमाण पत्रों पर रिपोर्ट लगानी हो, या राजस्व वादों का निस्तारण करना हो, हर मामले में आम लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। राजस्व विभाग में जब नायब तहसीलदार के ही 97 पद खाली हैं। तो इसका सीधा असर तहसीलदार के पदों पर पड़ रहा है। तहसीलदार के कुल स्वीकृत पद 114 हैं। इनमें 38 पद भरे हैं। 76 पद खाली हैं। तहसीलदार के पद पर प्रमोशन नायब तहसीलदार के पदों से होते हैं। ऐसे में तहसीलदार के पदों पर प्रमोशन भी फंस गए हैं।