विश्व का सबसे बडा सीमा रक्षक बल बनने का गौरव प्राप्त है बीएसएफ कोः डा. शिव कुमार

हरिद्वार। गुरुकुल काँगड़ी (समविश्वविद्यालय) हरिद्वार के डॉ शिव कुमार चैहान भारत का सीमा सुरक्षा बल (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) विश्व का सबसे बडा सीमा रक्षक बल बनने का गौरव हासिल किये है।  भारत में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है जिसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी देश मे अमन शांति के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है। इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी,घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इसी संगठन पर है। “जीवन पर्यन्त कर्तव्य” इस बल का आदर्श वाक्य है। भारतीय पुलिस सेवा के के एफ रुस्तम इस संगठन के पहले महानिदेशक रहे। सन् 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, सीमा प्रबंधन प्रणाली व्यक्तिगत राज्य पुलिस बलों के हाथों में थी, और ये सीमा खतरों से ठीक से निपटने में असमर्थ साबित हुई। इन एपिसोड के बाद, सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप मे भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के विशिष्ट जनादेश का महत्व प्रदान किया गया।  सन् 1965 तक पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाएं राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन द्वारा बनाई गई थीं। पाकिस्तान ने 9 अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट, और बेरिया बेट पर हमला किया। इस सशस्त्र आक्रामकता से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की अपर्याप्तता के कारण भारत सरकार ने विशेष रूप से नियंत्रित सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस करते हुए पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाने के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित किया गया।  सचिव स्तर की समिति की सिफारिशों के परिणामस्वरूप, सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर 1965 को सर्वप्रथम अस्तित्व में आया। सन् 1971 के भारत-पाकिस्तानी युद्ध में बीएसएफ की क्षमताओं का इस्तेमाल पाकिस्तानी ताकतों के खिलाफ किया गया। बीएसएफ सैनिकों ने लांगवाला की प्रसिद्ध लड़ाई समेत कई परिचालनों में हिस्सा लिया। बीएसएफ ने बांग्लादेश के लिबरेशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर रहमान ने भी स्वीकार किया था।