देहरादून। प्रदेश में भारी बारिश एवं आपदा के पश्चात हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए शनिवार को पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने अपने अधीनस्थ सभी विभागों के अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को यमुना कॉलोनी स्थित प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित प्रदेश की सभी सड़कों को तुरंत खोला जाए। श्री महाराज ने कहा कि 15 दिन के भीतर रिपेयरिंग एवं पैच वर्क के कार्य हर हाल में पूरे हो जाने चाहिएं और दिसंबर में नवीनीकरण भी हो जाना चाहिए।
लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि आपदा से प्रदेश में 49 स्टेट हाईवे बंद हो गये थे जिनमें से 30 को पूरी तरह से खोल दिया गया है। बाकी बचे 19 को शीघ्र खोल दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में 420 मशीनें सड़कों राय मलबे को हटाने में लगी है। लोक निर्माण मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बैठक के पश्चात बताया कि अचानक आई भारी वर्षा से नैनीताल अल्मोड़ा चंपावत के अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में कुल 554 मार्ग बंद हुए थे जिनमें से 75 खोल दिए गए हैं। 479 मार्ग जिनमें मुख्यतया ग्रामीण मार्ग है, जिन्हें अगले दो दिनों में खोल दिया जाएगा। सतपाल महाराज ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों में पैच वर्क एवं मरम्मत के कार्य में तेजी लाई जा रही है। 5850 किलोमीटर सड़कों में से अब तक 3050 किलोमीटर में पैच मरम्मत का कार्य हो चुका है जबकि शेष कार्य 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमोद कुमार, अपर सचिव अतर सिंह, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, संयुक्त सचिव श्याम सिंह मुख्य अभियंता सीएम पांडे एवं प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता वर्चुअल शामिल हुए।
लोक निर्माण विभाग की बैठक के पश्चात कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभाकक्ष में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से आपदा में हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ साथ उन्हें आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। सिंचाई मंत्री से सतपाल महाराज ने बताया कि अत्यधिक वर्षा के कारण सिंचाई विभाग की अनेक परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। जिनमें मुख्यतः सिंचाई नहर, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य, लिफ्ट, बैराज, हैड रेगुलेटर आदि शामिल हैं। अत्यधिक वर्षा से प्रभावित नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत एवं हरिद्वार जनपदों में सिंचाई विभाग को लगभग 72 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया है। बैठक के दौरान बैठक के द्वारा सचिव सिंचाई हरीश चंद्र सेमवाल, प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन सहित अनेक विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।