देहरादून। गुरुद्वारा गुरु संगत धामावाला, देहरादून के तत्ववाधान मे बैसाखी का महान समागम कथा कीर्तन के रूप में उत्साह पूर्वक मनाया गया जिसमें 38 प्राणियों ने अमृतपान कर गुरु वाले बने।
प्रातः नितनेम के पश्चात हजूरी रागी भाई सर्वजीत सिंह ने आसा दी वार का शब्द प्रगटीयो खालसा परमात्म क़ी मौज का गायन किया। श्री निशान साहिब के नये चोले क़ी सेवा क़ी, बच्चों ने शब्द गायन किया एवं दरबार श्री अमृतसर के हजूरी रागी भाई गुरविंदर सिंह, आनंदपुरी ने शब्द इन्हीं क़ी कृपा के सजे हम हैँ का गायन कर संगत को निहाल किया। इस अवसर पर 38 प्राणियों ने चेयरमैन हरप्रीत सिंह क़ी अगुआई में अमृतपान कर के गुरु वाले बने स महासचिव स सतनाम सिंह ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी ने 1699 कि बैसाखी वाले दिन खालसा पंथ की साजना की, सिखी सिद्धांत बक्शे, आओ अमृत छकिये, सिंह साजिये, गुरु वाले बने, एवं गुरु वाले कहलायें, यहीं हमारी सभ्यता है आचरण है, हमारी पहचान है।
इस अवसर पर प्रधान मनमोहन सिंह बेदी महासचिव सतनाम सिंह, कोषाध्यक्ष जसपाल सिंह, सुरेंदर सिंह ओबराये,भजन सिंह आदि उपस्थित थे।