चमोली। त्रिशूल चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए नौसेना के 5 जवानों सहित एक पोर्टर की तलाश के लिए सेना और निम की टीम ने हेलीकॉप्टरों के माध्यम से शनिवार की सुबह 7 बजे रेस्क्यू अभियान दोबारा शुरू किया। निम का कहना है कि हेलीकॉप्टर से देखने पर त्रिशूल पर्वत के आसपास कुछ पर्वतारोही बर्फ में दबे दिख रहे हैं, जिनको निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
सर्च ऑपरेशन की कमान संभाले निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि जोशीमठ और त्रिशूल चोटी के आसपास मौसम साफ होने पर शनिवार की सुबह 7 बजे से ही रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। रेस्क्यू अभियान में निम उत्तरकाशी की सर्च एंड रेस्क्यू की टीम, हाई एल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल गुलमर्ग, गढ़वाल स्काउट्स से सेना की टीमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हेली से रैकी के दौरान हिमस्खलन वाले क्षेत्र में बर्फ में तीन से चार व्यक्ति पड़े हुए दिखे हैं। लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी है, जिनको निकालने के लिए रेस्क्यू चल रहा है। माउंट त्रिशूल पर्वत को फतह करने गया नौसेना का दल एवलॉन्च की चपेट में आ गया था। एवलॉन्च की चपेट में आने से नौसेना के 10 पर्वतारोही लापता हो गए। हालांकि, रेस्क्यू टीम ने 5 पर्वतारोहियों को सकुशल ढूंढ लिया है। अन्य की तलाश की लिए आज सुबह 7 बजे से हेलीकॉप्टर के माध्यम से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।