देहरादून। आप प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने मुख्यमंत्री धामी के सौ दिन के कार्यकाल को पूरी तरह निराशाजनक करार दिया है। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि, धामी सरकार के 100 दिन महज झूठ, फरेब और जुमलेबाजी ही साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा था कि, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के काम को आगे बढ़ाएंगे और इन 100 दिनों में काम न करके उन्होंने इस बात को सिद्ध करके दिखाया है।
आप प्रवक्ता ने आगे कहा कि, साढ़े चार साल में भाजपा ने 100 दिन पहले पुष्कर सिंह धामी के रूप में उत्तराखंड की जनता पर जिस दिन तीसरा मुख्यमंत्री थोपा ,उसी दिन साफ हो गया था कि, चुनावी साल में चेहरा बदल कर भाजपा अपने दो नकारे मुख्यमंत्रियों की नाकामियों पर पर्दा डालने का खेल रच रही है, इसलिए युवा चेहरे का शिगूफा छोडकर भाजपा ने धामी को मुख्यमंत्री बना दिया। लेकिन उन्होंने 100 दिनों के कार्यकाल में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया, जिसका गुणगान किया जाए। इन 100 दिनों में मुख्यमंत्री धामी का नकारेपन सामने आया है। धामी सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई। रोजगार, स्वास्थ्य, चार धाम यात्रा से लेकर भ्रष्टाचार, महंगाई और जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर धामी सरकार बैकफुट पर दिखाई दी । इसका सबसे बड़ा प्रमाण चार धाम यात्रा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद चार धाम यात्रा को अच्छे से शुरू कराना धामी की पहली बड़ी परीक्षा थी ,जिसमें वो फेल हो गए। हाईकोर्ट ने कई बार सरकार की आधी अधूरी तैयारियों की पोल खोलकर, धामी सरकार के निकम्मेपन को उजागर किया। लेकिन हाईकोर्ट से यात्रा की अनुमति मिलने के बाद भी, सरकार अपनी तैयारियां पूरी नहीं कर पाई और पूरे देश में चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड को शर्मिंदा होना पडा। 15 दिनों में ही चार धाम यात्रा पटरी से उतर गई।
देवस्थानम बोर्ड के मामले में भी धामी सरकार फेल साबित हुई। मुख्यमंत्री धामी ने तीर्थ पुरोहितों को न्याय दिलाने की बात कही थी ,लेकिन उन्होंने बोर्ड भंग करने के बजाए कमेटी बनाकर इसे उलझाने की कोशिश की ,जोे धामी सरकार के दोहरे चरित्र को दिखाता है। एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीर्थ पुरोहितों और हक- हकूकधारियों से मिल कर उन्हें भरोसा देने का पाखंड करते हैं, और दूसरी तरफ कमेटी का खेल रच कर उनका भरोसा तोड़ने का पाप करते हैं,लेकिन जनता ऐसे लोगों को माफ नहीं करने वाली है। उन्होंने कहा आज प्रदेश की जनता धामी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर कह रही है, धामी सरकार, 100 दिन बेकार। उन्होंने आगे कहा कि, जनता महंगाई की मार से बेहाल है और ये 100 दिन प्रदेशवासियों के लिए बहुत बुरे साबित हुए हैं,क्योंकि इन 100 दिनों में रसोई गैस,पेट्रोल ,डीजल दाल, सब्जी, तेल, साबुन से लेकर आम जरुरत की चीजों के दाम आसामान छू रहे हैं। यहां सिर्फ मुख्यमंत्री ही बल्लेबाजी नहीं कर रहे हैं ,बल्कि महंगाई भी बल्लेबाजी कर रही है और कई चीजों के दाम शतक पार कर चुके हैं। बिजली के मोर्चे पर भी धामी सरकार की नाकामियां 100 दिन में सामने आई हैं। आम आदमी पार्टी के 300 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे के बाद ,धामी सरकार में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली की बात कही, लेकिन अगले ही दिन धामी जी को कहना पड़ा कि, मुफ्त बिजली देना उनके बस की बात नहीं है। अब ये नहीं मालूम कि, जुमेलबाजी वाली मुफ्त बिजली की घोषणा आखिर कहां गायब हो गई। उन्होंने आगे कहा कि, आप के सीएम प्रत्याशी कर्नल कोठियाल ने महिला एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्सिंग के नाम पर हो रही उगाही का पर्दाफाश किया ,लेकिन इन 100 दिनों के भीतर उस कंपनी पर सीएम ने कोई कार्रवाई नहीं की। खुद विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने कंपनी को अपना सरंक्षण दिया। भ्रष्टाचार में डूबे कई मंत्री आज भी उनकी कैबिनेट की शोभा बढा रहे हैं। कुल मिलाकर धामी सरकार के ये 100 दिन पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। इन 100 दिनों में उन्होंने एक तरफ तो अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों के जीरो वर्क एजेंडे को आगे बढ़ाया और दूसरी तरफ लोकप्रियता बटोरने के लिए एक से बढ़कर एक कोरी घोषणाएं की। इसके साथ इन 100 दिनों को आम आदमी पार्टी के एजेंडे की कॉपी करने के लिए भी याद किया जाएगा। जनता को मुफ्त बिजली देने की बात हो, उत्तराखंड को हिंदुओं की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात हो ,या फिर रोजगार देने की बात हो, मुख्यमंत्री धामी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी के मॉडल की नकल ही उतारते दिखे। उन्होंने आगे कहा कि ,भाजपा ने अपने 5 साल के कार्यकाल की नाकामियां छुपाने के लिए जिन धामी को आगे किया ,उन धामी जी ने 100 दिन में भाजपा की नाकामियों की फेहरिस्त को और लंबा कर दिया है। जनता अब बीजेपी सरकार की हकीकत जान चुकी है और आने वाले चुनाव में जनता जहां सीएम धामी से 100 दिन का हिसाब मांगेगी ,वहीं बीते साढे चार साल का हिसाब भी बीजेपी सरकार को जनता को देना ही होगा।
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