भारत-तिब्बत सीमा पर ग्लेशियर टूटने से 08 लोगों की मौत, 384 को बचाया गया, सीएम ने किया दौरा

देहरादून। चमोली जनपद से लगे भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के समीप ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की घटना का गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया है और मदद का आश्वासन दिया है तथा साथ ही आईटीबीपी को सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री शनिवार की सुबह आपदा ग्रस्त इलाके का मुआयना करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने आपदा ग्रस्त क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान बताया गया कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में जगह-जगह भारी मात्रा में बर्फ है। बीआरओ सड़क खोलने में जुटा है। मुख्यमंत्री की सेना के अधिकारियों के साथ बैठक की।
सेना के अधिकारियों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि नीति के पास आई इस आपदा में शुक्रवार रात से ही सेना राहत बचाव कार्य में लगी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी के जवान और जिला प्रशासन की टीम भी युद्ध स्तर पर जुटी हुई है। सेना से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 384 लोगों को बचाया गया है। 08 लोगों के शव बरामद किए गए हैं और चार लोग घायल हैं। सुमना में बीआरओ के मजदूर सड़क निर्माण कार्य में जुटे हुए थे। अत्यधिक बर्फबारी होने से सीमा क्षेत्र में वायरलेस टेस भी काम नहीं कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से नीती घाटी में अत्यधिक बर्फबारी हो रही है। मलारी से आगे जोशीमठ-मलारी हाईवे भी बर्फ से ढक गया है, जिससे सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो गई है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचाँद सांई का कहना है कि पिछले तीन दिनों से हो रही बर्फबारी से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बर्फ जमा हो गई है, जिसके चलते स्नो एवलांच की पूरी संभावना है। एवलांच की सबसे अधिक संभावना उन पहाड़ियों पर अधिक होती हैं जिनका ढलान बहुत अधिक होता है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने घटना का संज्ञान लेकर तत्काल अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि वे निरंतर बीआरओ और जिला प्रशासन के संपर्क में हैं।बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि घटना की जल्द पूरी जानकारी पता कर सूचित करें। साथ ही एनटीपीसी और अन्य परियोजनाओं में रात में काम करने पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।