हेमचन्द्र सकलानी
सीमाओं पर हँसते हुए हो गए तुम देश पर कुर्बान
इससे बड़ा नहीं होता है कोई त्याग और बलिदान
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम।
जब तक रहेगी इस शरीर मे हमारे जान में जान
तुम्हारी शहादत का हमेशा करते रहेंगे गुणगान
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम।
स्वतंत्रता की वेदी पर, या हुए शहीद सीमाओं पर
शहादत तुम्हारी हमेशा, याद रखेगा यह हिंदुस्तान
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम।
भूलेंगे नहीं हम उन शहीदों को, जो रहे गुमनाम
जलाएंगे एक दीपक हम, उन शहीदों के भी नाम
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम।
है कामना यही हमारी, इस धारा और अम्बर पर
लहराए तिरंगे की तरह हर ओर तुम्हारा यशोगान
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम
अमर शहीदों तुम्हें हमारा शत शत प्रणाम।