यहां बसता है रंग-बिरंगी तितलियों का संसार

देहरादून। टिहरी जिले के देवलसारी में तितलियों का संसार बसता है। देवलसारी अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न प्रकार तितलियां पाई जाती हैं। तितलियों के अध्ययन व उन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से देवलसारी पहुुंचते हैं। यहां तितली महोत्सव का भी आयोजन होता है। 15 किमी भूभाग पर फैले देवलसारी में 200 के करीब तितलियांें की प्रजाति और डेढ़ सौ पक्षियों की प्रजाति पाई जाती हंै। एक ओर जहां कई स्थानों पर तितलियों की प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, वहीं देवलसारी में तितलियों का खूबसूरत संसार आज भी मौजूद है।
देवलसारी टिहरी जिला मुख्यालय से करीब 85 किमी की दूरी पर चंबा-मसूरी मार्ग पर स्थित है। यहां छोटे वाहनों से पहुंचा जा सकता है। पर्यटकों के रुकने के लिए यहां छोटे-छोटे हट बनाए गए हैं। गर्मियों में बड़ी संख्या में पर्यटक और छात्रों के दल यहां की जैव विविधता को देखने पहुंचते हंै। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पाए जाने वाले पौधे भी तितलियों के अनुकूल हैं। यहां उड़ने वाली गिलहरी भी पाई जाती है।
देवलसारी में तितलियों की जो प्रजातियां पाई जाती हैं उनमें कॉमन पिकॉक, सिल्वर ग्रे, सिल्वर लाइन, ब्ल्यू पेल जस्टर, स्केटली नबाब, ग्रेट ब्लैक विन, यलो पैंजी, वाटर हियर स्ट्रेक, हिज ब्ल्यू, कॉमन नबाब आदि शामिल हैं। देवलसारी पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र को ईको टूरिज्म ग्रोथ सेंटर के लिए चुना है। यह स्थान देवदार और बांज के जंगल के बीच स्थित है। यहाँ चमगादड़ की भी 18 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा यहाँ हिमालयन ग्रेको प्रजाति की छिपकली भी पाई जाती है जो केवल रात के समय ही बाहर निकलती है।
देवलसारी प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। रंग बिरंगी तितलियों का मोहक संसार तो हर किसी को आनंदित कर देता है। यदि प्रकृति के इन रंगों का करीब से दीदार करना हो तो देवलसारी जरूर जाना चाहिए। देवलसारी में हर वर्ष तितली महोत्सव होना है। इस महोत्सव में आस-पास के क्षेत्रों के अलावा दूर-दूर से भी प्रकृति प्रेमी व पर्यटक पहुंचते हैं। यह ऐसा स्थल है, जो हर मौसम में अनुकूल है। जैव विविधता और प्रकृति दोनों का यहां करीब से दीदार किया जा सकता है।
देवलसारी 1,650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह राजधानी देहरादून से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। यह उत्तरकाशी की सीमा पर पड़ता है। यहां की नैसर्गिक सुंदरता एवं जैव विविधता विश्व प्रसिद्ध है। यही कारण है कि प्रकृति प्रेमियों और शोध करने वाले छात्रों एवं विशेषज्ञों के लिए यह स्थान पहली पसंद है। यहां पर तितलियों को पहचान दिलाने, जैव विविधता को जानने एवं इसको पर्यटन के रूप में पहचान दिलाने के लिए देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एवं विकास संस्थान द्वारा तितली महोत्सव का आयोजन किया जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों से तितली विशेषज्ञ यहां पहुंचते हैं।

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