दून के युवा पावरलिफ्टिंग खिलाड़ी पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आईपीएफ विश्व चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक

देहरादून। देहरादून के पावरलिफ्टिंग स्टार पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने हाल ही में आइसलैंड में आयोजित आईपीएफ वर्ल्ड ओपन पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप 2024 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। यह घोषणा उनकी माँ नियति शाह और उनके कोच अमन राय वोहरा ने आज दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में करी। 18 वर्षीय पृथ्वी ने बेहद चुनौतीपूर्ण 66 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लिया। उन्होंने स्क्वाट में रजत, डेडलिफ्ट में कांस्य और अपने वर्ग में समग्र कांस्य पदक हासिल किया, जिससे वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हो गए।
मीडिया को संबोधित करते हुए पृथ्वी की माँ नियति शाह ने कहा, ष्पृथ्वी का यहाँ तक का सफर काफ़ी चुनौतियों वाला रहा है। डाउन सिंड्रोम के साथ जन्मे, पृथ्वी ने सामाजिक अपेक्षाओं को तोड़ कर खेलों में उत्कृष्टता को परिभाषित किया है। बचपन से उनकी यात्रा तन्यकता, धैर्य और दृढ़ संकल्प से जुड़ी है। आइसलैंड में ओपन टूर्नामेंट में, उन्होंने अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के एथलीटों का डट कर सामना किया, अपनी श्रेणी में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी बने और अपनी बेजोड़ ताकत के लिए माउंटेन बीस्ट का खिताब अर्जित किया।
गर्व व्यक्त करते हुए, उन्होंने आगे कहा, आज, मैं गर्व से कह सकती हूं कि मेरा बेटा लिफ्ट करने के लिए पैदा हुआ है, और दुनिया अब उसकी ताकत को पहचानती है। यह जीत न केवल उसकी कड़ी मेहनत को दर्शाती है, बल्कि उन सभी के अटूट समर्थन और विश्वास को भी दर्शाती है, जिन्होंने उस पर विश्वास किया। पृथ्वी के कोच, अमन राय वोहरा, इंडियास स्ट्रॉंगेस्ट मैन 2018 और अंतरराष्ट्रीय स्ट्रॉन्गमैन एथलीट, ने उनकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, यह केवल एक पदक नहीं है; यह उत्तराखंड में खेल समुदाय के लिए परिवर्तन का क्षण है। पृथ्वी ओपन वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप में पदक जीतने वाले राज्य के दूसरे व्यक्ति हैं; पहला ऐसा पदक 15 साल पहले उत्तराखंड में आया था। मेरे साथ उनकी पेशेवर यात्रा 18 महीने पहले शुरू हुई जब वे मुंबई से देहरादून शिफ्ट हो गए। तब से, उनके समर्पण, फोकस और चुनौतियों को पार करने की क्षमता ने न केवल एथलीटों को बल्कि बड़े सपने देखने वाले सभी लोगों को प्रेरित किया है। पृथ्वी उत्तराखंड के खेल जगत में एक स्टार के रूप में उभरे हैं और यह उनकी वैश्विक यात्रा की शुरुआत है।” पृथ्वी की उपलब्धियाँ खेल के प्रति उनके समर्पण को बखूबी दर्शाती हैं। वे दो बार के राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चौंपियन हैं, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं और उन्होंने किर्गिस्तान व मलेशिया में एशियाई पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। अमन राय वोहरा जैसे प्रसिद्ध कोचों के मार्गदर्शन में, पृथ्वी ने लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित किया है। 2006 में मुंबई में जन्मे पृथ्वी 16 साल की उम्र में स्थायी रूप से देहरादून में बस गए थे। पावरलिफ्टिंग में अपनी उपलब्धियों के अलावा, पृथ्वी एक बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्ति हैं जिन्हें बेकिंग का शौक है। देहरादून के एक गौरवान्वित निवासी के रूप में, वह न केवल अपने शहर, बल्कि पूरे देश को अपनी अदम्य भावना से प्रेरित करते रहे हैं।

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