जब तक गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान नहीं मिल जाता तब तक एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना व्यर्थ: गोपाल मणि महाराज

देहरादून। देहरादून के  गुरुनानक महिला इंटर कॉलेज के मैदान निकट बन्नू स्कूल रेसकोर्स में विशाल गौ प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन हो गया है जिसमें अंतिम दिन भी गौमाता – राष्ट्रमाता की गौ कथा को सीता शरण जी व संत गोपाल मणी महाराज जी के मुखार बिन्दु से जारी रही, वही एक देश एक संकल्प – गौमाता राष्ट्रमाता अवनवरत अभियान को सुनने के लिए लोगों का शांत चित श्रवण जारी रहा! अंतिम दिवस में कई पूर्व मंत्रियों सहित अन्य कई गणमान्य जनों ने कथा श्रवण में सिरकत की! अंतिम दिन भी महाराज जी ने कहा है कि देव शक्तियों ने अपनी अपनी कृपा दिखा दी है इसीलिए दोनों देवभूमियों से उत्तराखंड और हिमाचल से गौमाता राष्ट्रमाता का प्रस्ताव सरकारों के द्वारा सर्वसम्मति से सदन में पारित करके केंद्र सरकार को 2019 में भेजा जा चुका है अब समय आ गया है कि करोड़ों हिंदुओं की आवाज को केंद्र में बैठी सनातनी सरकार सुने और अविलंब गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान दें नहीं तो आगामी 17-18 नवम्बर को दिल्ली में गौ-कथा का महामहोत्सव होगा और 20 नवंबर 2023 को गोपाष्टमी के दिन करोड़ों लोग दिल्ली में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए कूच करेंगे।

संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री जी इस कार्य को नहीं करना चाहते हैं वह भी गौमाता का संवर्द्धन और सम्मान करना चाहते हैं लेकिन इसमें विलंब इसलिए हो रहा है क्योंकि गौ को माँ मानने वाले लोग आपस में बिखरे हुए हैं एक नहीं है, जिस दिन सब लोग एक स्वर में कहेंगे कि गौमाता-राष्ट्रमाता होनी चाहिए उसी क्षण गौमाता राष्ट्रमाता बन जाएगी। और जब तक गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान नहीं मिल जाता तब तक एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना व्यर्थ है एकता के सूत्र में बांधने वाली मात्र एक शक्ति है उसका नाम है गाय! आगे मणि महाराज जी ने अंतिम दिवस में विशाल गौ महोत्सव को भव्य बनाने के लिए समस्त जनता जनार्दन का धन्यवाद किया! आज अंतिम दिन भी सप्त दिवसीय यज्ञ में गौ प्रतिष्ठा एवं सामाजिक संवर्द्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रम सम्पन्न हुए।

इस गौ प्रतिष्ठा महोत्सव में देहरादून सहित देश की धार्मिक सामाजिक बुद्धजीवी संस्थाएं महिला मंगल दल कीर्तन मंडली सभी सहयोगी संस्थाएं अपना सहयोग प्रदान प्रदान किया, साथ कार्यक्रम के बीच में आयुर्वेदिक एवं एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया! कार्यक्रम स्थल पर ही भारतीय नश्ल की गौमाताओं के दर्शन भी सुलभ हुए। साथ ही पहाड़ी उत्पाद में बने खाद्य पदार्थ चाहिए हो तो यहाँ पहली बार भारतीय गौ-क्रांति मंच ने देवभूमि माँ गंगे स्वयंसेवी संस्था व हिमवंत फाउंडेशन सोसाइटी, देवभूमि स्वयं सहायता समूह सहित आदि अनेक स्टॉलो का भी धन्यवाद किया गया! अंतिम दिवस में आज मुख्य कार्यक्रम के अध्यक्ष बलवीर सिंह पंवार संरक्षक मनोहर लाल जुयाल सूर्यकांत धस्माना हरीश चंद्र नौटियाल संयोजक अजयपाल सिंह रावत कार्यकारी अध्यक्ष शूरवीर सिंह मतूड़ा, महासचिव यशवंत सिंह रावत व्यवस्थापक सूरत राम डंगवाल, घनश्याम सिंह नेगी, आचार्य राकेश सेमवाल यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल आचार्य संतोष खंडूड़ी जिलाध्यक्ष आनन्द सिंह रावत, भू-क़ानून अभियान के संस्थापक शंकर सागर रावत, गीता बागड़ी, रूपम देवी मातुड़ा, भुवनेश्वरी नेगी, तेजराम नौटियाल, रविन्द्र सिंह राणा, तुलसीराम बडोनी, शशि भंडारी, मधु रतूड़ी, कांति बड़थ्वाल, रामप्यारी इष्टवाल, अशोक मिश्र, डॉ रामभूषण बिजल्वाण, आचार्य विपिन जोशी, सुशील गौड़, बीडी सेमवाल, दिलवर सिंह रावत पूर्व राज्यमंत्री, महेंद्र सिंह नेगी महामंत्री कॉंग्रेस, शीशपाल बिष्ट प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस, डा. अजय बिष्ट, अरुण शर्मा अ. भा. ब्राह्मण सभा अध्यक्ष, यमनोत्री विधायक संजय डोभाल, लखीराम जोशी पूर्व मंत्री उत्तराखंड, एस. ए नमियाल, जयइन्द्र कुलसारी सहित सैकड़ों गणमान्यजन व समस्त मातृशक्ति उपस्थित रहें!

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